गीता ज्ञान इन हिंदी
जो हुआ, अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा
है। जो होगा, अच्छा होगा। तुम भूतकाल का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिंता ना करो।
वर्तमान चल रहा है।
गीता ज्ञान इन हिंदी
कभी-कभी लगता है हमें जब हमारे साथ गलत घटनाएं
घटती है तो हमें बड़ा बुरा लगता है कि हमारे साथ यार गलत हुआ परंतु वही भविष्य में
कुछ अच्छा हो जाता है तब हम सभी बोलते हैं जो हुआ अच्छा हुआ।
भगवान कृष्ण महाभारत के युद्ध में यही बात अर्जुन
को बताते रहते हैं कि जो होता है अच्छे के लिए होता है जो हो चुका है वह भी अच्छा
हो गया है और जो होने वाला है वह भी अच्छा ही होगा।
भविष्य काल की चिंताओं को छोड़कर और भूतकाल की
गलतियों को सुधारते हुए वर्तमान में कार्य करना चाहिए।
भविष्य के बारे में सोचना अच्छी बातें भविष्य के बारे
में योजना बनाना अच्छी बात है परंतु उसमें आसक्त होकर उसी में डूबे रहना यह गलत
बात है.अपने समय को व्यर्थ ना गवाएं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि वर्तमान मतलब
अभी इसी क्षण आज ही नहीं बल्कि इसी क्षण कार्य करना जरूरी है। कर्म तो हम दिन
रात करते हैं चाहे वह सोने के रूप में हो चाहे खाने के रूप में हो चाहे नहाने के
रूप में हो या किसी से बात करने के रूप में है परंतु हमारी योजना क्या है और उस
योजना पर कितना कार्य चलना है? वह सुनिश्चित करता है हमारे आगे के भविष्य की
सफलताओं के बारे में तो सही कर्म करना जरूरी है।और हमारे अच्छे कर्म और बुरे कर्म
के अनुसार ही हमें कर्म का फल प्राप्त होता है।
एक कहावत है जैसा सोचोगे वैसा बनोगे अगर हम अच्छा
सोचते हैं तो अच्छा कर्म करेंगे और बुरा सोचते हैं तो बुरा कर्म करेंगे यह निर्भर
करता है आपके ऊपर कि आप कैसा करना करना चाहते हो अपने समय को किस दिशा में आप
लगाना चाहते हो।यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के कर्म कर रहे हैं। सोए हो
या किसी की निंदा कर रहे हों या गुटखा खा रहे हों या शराब पी रहे हों या किसी
व्यवसाय का कार्य कर रहे हों या भगवान की भक्ति में लगे हुए हों या कर्म कर रहे हों
तो फल भी उसी के अनुसार आपको मिलेगा।
अगर आप भगवान की भक्ति करते हो तो फल उसी के
अनुसार आपको भगवान का आशीष मिलेगा एक छात्र पढ़ाई करता है तो वह सफलता प्राप्त
करेगा और एक इंसान जो शराब पीता है या जुआ खेलता है तो उसी के अनुसार उसको कर्म
निर्धारित होगा और उसी के अनुसार ही उसको फल की प्राप्ति होगी।
अंततः भूतकाल की गलतियों से सीखते हुए और भविष्य
काल की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए वर्तमान काल में अगर कार्य किया जाए तो
सफलता सुनिश्चित होती है।
गीता ज्ञान इन हिंदी
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गीता ज्ञान इन हिंदी |
कभी-कभी लगता है हमें जब हमारे साथ गलत घटनाएं घटती है तो हमें बड़ा बुरा लगता है कि हमारे साथ यार गलत हुआ परंतु वही भविष्य में कुछ अच्छा हो जाता है तब हम सभी बोलते हैं जो हुआ अच्छा हुआ।
भगवान कृष्ण महाभारत के युद्ध में यही बात अर्जुन को बताते रहते हैं कि जो होता है अच्छे के लिए होता है जो हो चुका है वह भी अच्छा हो गया है और जो होने वाला है वह भी अच्छा ही होगा।
भविष्य काल की चिंताओं को छोड़कर और भूतकाल की गलतियों को सुधारते हुए वर्तमान में कार्य करना चाहिए।
भविष्य के बारे में सोचना अच्छी बातें भविष्य के बारे में योजना बनाना अच्छी बात है परंतु उसमें आसक्त होकर उसी में डूबे रहना यह गलत बात है.अपने समय को व्यर्थ ना गवाएं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि वर्तमान मतलब अभी इसी क्षण आज ही नहीं बल्कि इसी क्षण कार्य करना जरूरी है। कर्म तो हम दिन रात करते हैं चाहे वह सोने के रूप में हो चाहे खाने के रूप में हो चाहे नहाने के रूप में हो या किसी से बात करने के रूप में है परंतु हमारी योजना क्या है और उस योजना पर कितना कार्य चलना है? वह सुनिश्चित करता है हमारे आगे के भविष्य की सफलताओं के बारे में तो सही कर्म करना जरूरी है।और हमारे अच्छे कर्म और बुरे कर्म के अनुसार ही हमें कर्म का फल प्राप्त होता है।
एक कहावत है जैसा सोचोगे वैसा बनोगे अगर हम अच्छा सोचते हैं तो अच्छा कर्म करेंगे और बुरा सोचते हैं तो बुरा कर्म करेंगे यह निर्भर करता है आपके ऊपर कि आप कैसा करना करना चाहते हो अपने समय को किस दिशा में आप लगाना चाहते हो।यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के कर्म कर रहे हैं। सोए हो या किसी की निंदा कर रहे हों या गुटखा खा रहे हों या शराब पी रहे हों या किसी व्यवसाय का कार्य कर रहे हों या भगवान की भक्ति में लगे हुए हों या कर्म कर रहे हों तो फल भी उसी के अनुसार आपको मिलेगा।
अगर आप भगवान की भक्ति करते हो तो फल उसी के अनुसार आपको भगवान का आशीष मिलेगा एक छात्र पढ़ाई करता है तो वह सफलता प्राप्त करेगा और एक इंसान जो शराब पीता है या जुआ खेलता है तो उसी के अनुसार उसको कर्म निर्धारित होगा और उसी के अनुसार ही उसको फल की प्राप्ति होगी।
अंततः भूतकाल की गलतियों से सीखते हुए और भविष्य काल की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए वर्तमान काल में अगर कार्य किया जाए तो सफलता सुनिश्चित होती है।
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