सफलता पाने का मूल मंत्र The key to success

सफलता पाने का मूल मंत्र

हमारे शरीर में दो तरह की शक्ति काम करती है एक सकारात्मक शक्ति होती और एक नकारात्मक शक्ति होती है, किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है अपने शक्तियों को संचित करके एक ही दिशा में लगाना, अगर जीवन में अपने लक्ष्य निर्धारित किया है और उसमें आप अपनी पूरी शक्ति को नहीं लगाते हैं तो असफलता वहीं से शुरू हो जाती है, सफलता 1 दिन की प्रक्रिया नहीं है|

सफलता पाने का मूल मंत्र
सफलता पाने का मूल मंत्र 


जीवन में जितना बड़ा आपका लक्ष्य होगा, उसमें आपको निरन्तर परिश्रम  करना  होगायोजनाबद्ध तरीके से तभी आपको सही सफलता मिल पाएगी और साथ में अपनी पूरी शक्ति को लगाना पड़ेगा, पूरी शक्ति से मेरा  मतलब है , तन मन  और धन   लगाकर   कार्य  पड़ेगा , आपका शक्ति जितना ज्यादा एक जगह संचित होगा, आपका अपने कार्य में उतना ज्यादा ध्यान लगेगा। और अपनी शक्ति को संचित करने के लिए आपको अपने लक्ष्य के योजना को सही क्रमबद्ध करना होगा। साथ में अपने मन में जो योजना बना के चल रहे हो उसमे आपको स्थिर रहना होगा, तभी आप अपने लक्ष्य में अच्छे से काम कर पाएंगे। और काम समय में आप अगर निरंतर प्रयास करेंगे तो आपको शत प्रतिशत सफलता मिलेगा। आपको अपनी सकारात्मक शक्ति को संचित कर के अपने लक्ष्य में लगाना चाहिए, ताकि आपकी सफलता निर्धारित हो सके और आप सफल जीवन जी सके।

आप जिस ओर  अपना ध्यान और शक्ति को लगते हो, उस ओर आपको सफलता देखने को जरूर मिलता होगा , चाहे वह सकरात्मक ओर हो या नकरात्मक ओर हो , आप जहा अपनी शक्ति को लगयाएगे वही तो आपको मिलेगा।

उदाहरण से समझते है - आप दिल्ली में रहते है और आपको जाना है चिन्नईमगर आप ट्रैन पकड़ते है मुंबई का तो कैसे आप चिन्नई पहुचेगे , मुंबई ही पहुचेगे , या फिर से आपको चिन्नई के लिए ट्रैन पकड़ना पड़ेगा, तो समय अधिक लगे या आप पहुंच ही पाए। वैसे ही अगर आप आप कोई लक्ष्य जीवन में निर्धारित करते है तो पुरे मन और शक्ति को एक ही जगह लगने से सफलता जरूर मिलता है।  आशा करता हु आप भी अपना पूरा शक्ति अपने लक्ष्य में लगयेगे और जीवन में सफलता पाएंगे।

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