krodh par niyantran kaise kare क्रोध पर नियंत्रण कैसे करे

क्रोध पर नियंत्रण कैसे करे, उससे पहले आपको क्रोध क्यों आता है और क्रोध आने के पीछे क्या कारण होता है, उसे जरूर जाने, इसलिए आप पूरा आर्टिकल पढ़े ...

krodh par niyantran kaise kare
 क्रोध पर नियंत्रण कैसे करे

क्रोध क्या है (krodh ke kya hai): -


  मनुष्य के मन में एक दिन में हजारों तरंगें उठती है, कुछ सकारत्मक होती है तो कुछ नकारत्मक तरंगें होती है, इन तरंगो को मनुष्य जब अपने नियंत्रण में नहीं रख पाता है तो क्रोध उतपन्न होता है। मनुष्य का मस्तिस्क ३ तरह का होता है, चेतन, अवचेतन और अतिचेतन, इन मष्तिस्क में ही मनुष्य की सभी भावना, स्नेहा, राग, इरशा, द्वेष, काम, क्रोध, लोभ, मोहा, अहंकार, स्वाभिमान समाहित होता है। और मस्तिष्क के तरंगो के कारण ही क्रोध उतपन्न होता है।


क्रोध के प्रकार (krodh ke prakar): - क्रोध २ प्रकार के होते है।

१. सकरात्मक क्रोध: - जिस क्रोध से आपकी और आपके समाज की प्रगति हो या आपका मानसिक विकास हो, और लोगो के भलाई के लिए उपयोग किया गया हो, उसको सकरात्मक क्रोध कहते है जैसे उदाहरण से समझते है आपके देश में कोई विदेशी आक्रमण हुआ है और विदेशियों या विरोधी को मर भागने और अपने परिवार, देश और लोगो की रक्षा के लिए अपने जो क्रोध में कार्य किया है वह सकरात्मक क्रोध है |

२. नकारत्मक क्रोध: - अपने हितों की रक्षा न करते हुए, अपने हितों का ही नाश करना, जैसे दोस्त, परिवार से संबंध ख़राब करना, बात बात में लोगो से लड़ना, मारपीट में शाररिक मानसिक और आर्थिक नुकसान करना नकारात्मक क्रोध के कारण है |


क्रोध के कारण (krodh ke karan): - क्रोध के ३ कारण होता है

1. ज्ञान के करना - ज्ञान की अधिकता और ज्ञान की कमी के कारण क्रोध उतपन्न होता है। जब ज्ञान अहंकार में परिवर्तन हो जाता है तब क्रोध उतपन्न होता है, या ज्ञान होते हुआ दरिद्रत होता हो भी क्रोध उतपन्न होता है।

2. धन का कारण: - धन की अधिकता और धन की कमी के कारण भी क्रोध उतपन्न होते है, धन का दुरूपयोग या धन की दरिद्रता की करना क्रोध उतपन्न होता है, जब अमीर आदमी अपने धन में अहकार (जैसे शराब, जुवा, या व्यर्थ के खर्चे) करता है, तो अपने आपको दिखने के किये क्रोध करता है या जब उसकी बात को कोई मान्यता नहीं देता है तब वह क्रोधित हो जाता है, परन्तु गरीब आदमी अपनी दरिद्रता के करना या अपनी गरीबी हालत के करना दुखी होकर क्रोध करता है |

3. शक्ति के कारण: - शक्ति की अधिकता या शक्ति कमी के करना भी क्रोध उतपन्न होता है, बलवान, या ऊचा पद में रहने वाला अगर अपने शक्ति का सही उपयोग नहीं करता है तो अपने क्रोध से लोगो को नीचे दिखने की कोशिश करता है और अपने अहकार में मद होकर लोगो पर क्रोध करता है, वैसे ही निर्बल व्यक्ति अपने अंदर शक्ति की कमी के करना अपने आप पर गुस्सा करता है और गलत रास्तो का चयन कर क्रोधित होते रहता है।


क्रोध के दुष्परिणाम (krodh ke dushparinam): -

क्रोध से कभी भी लाभ नहीं होता है, चाहे क्रोध सकरात्मक हो या नकारत्मक हमेशा हानि ही होता है, अगर दोनों के कुल परिणामों को ठीक से आकलन किया जाये तो हानि ही होती है, सकरात्मक क्रोध से जरूर लाभ होता है परन्तु उसका भी मूल्य चुकाना पड़ता है और पूरी तरह आकलन किया जाये तो अंत में हानि ही होती है, परन्तु नकारत्मक क्रोध से हानि ही होती है। जैसे लड़ाई झगड़े, परिवार का टुटा जाना, देशो का बटवार, दोस्तों से झगड़ा इत्यदि।


क्रोध पर नियंत्रण कैसे करें (krodh par niyantran kaise kare)

सर्वप्रथम अपने मन में सयमं रखे जब तक आपको गलत न लगे और पूरी बातो को ठीक से समझा ले तब तक कोशिश करे न कुछ बोले, और बहुत जल्दी अपनी प्रतिक्रिया न दे, क्यों की जल्दी बजी में ही बड़ी गलती होती है।

अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश करे, ताकि आपका व्यक्तित्व में निखार आये और आप पर कोई जूठा इन्जाम या गलत राया रखने से पहले सोचे, दुनिया ने अपनी सुधार सब से बड़ी सुधार होती है।

अपने ध्यान को केंद्रित करें क्योंकि सारे भावना, क्रोध, अहंकार को कार्यान्वित करने का केंद्र मन है, अगर आप अपने मन में जीतना ज्यादा कण्ट्रोल करेंगे मन उतना ज्यादा सयम होगा और वह क्रोध खुशी में कन्वर्ट होगा और आपका ध्यान को आप अपने कार्य में लग सकते है, आप से बेहतर आपको कोई नहीं जानता है, आप अपने सकरात्मक और नकारत्मक दोनों पहलु को जानते हो, अपनी ऊर्जा को सही दिशा आप ही दे सकते हो।

मन को कण्ट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है मैडिटेशन, मैडिटेशन से मन के न्यूरॉन्स स्ट्रांग होता है और आप हर सिचुएशन को फेस करने के लिए तैयार रहते हो है, रोज़ १५ से ३० मिनट मैडिटेशन जरूर करे, कुछ दिन में देखेंगे आप आपका पर्फोमन्स लेवल बढ़ता हुआ दिखेगा।

मन को कण्ट्रोल के साथ अपनी हिम्मत को बढ़ाते रहे, और खुश रहने की कोशिश जरूर कीजिये, दुनिया में कोई भी मनुष्य या पशु नहीं है जिसके पास समस्या न हो, समस्या सभी के पास है पर सिटुअशन को फेस कर के खुशी के साथ रहे और खुशिया भी बटिये सभी को। ईश्वर आपको हिमत दे और आप अपने गुस्सा में कण्ट्रोल हाशिल कर के अच्छे मुकाम तक पहुंचे।

धन्यवाद

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