आप स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं You are the creator of your own destiny


आप स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं। (You are the creator of your own destiny.)


इस पृथ्वी पर ईश्वर ने प्रत्येक जीव-जंतु और मनुष्य को २४ घंटे का समय दिन में दिया है। किसी के साथ कोई भेद भाव नहीं किया है , ईश्वर ने समय प्रदान करने में किसी को ज्यादा समय दिया है किसी को काम, सबको बराबर समय दिया है। और ईश्वर ने हमें कर्म करने का भी स्वतंत्र अधिकार दिया है, आप जो भी कर्म कर सकते हो , और अपने २४ घंटे समय का आप जैसे भी उपयोग कर सकते हो। उसी से आपका भविष्य का निर्धारण होगा।  आप जैसे कर्म  करते है वैसे ही आपका भविष्य , वर्तमान बन के सामने आता है।

आप स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं
आप स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं 


भगवान कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध में गीता का उपदेश्य देते समय कहा था " जो इंसान जैसे कर्म करता है वैसे ही फल की प्राप्ति करता है " अतः आपके वर्तमान के कर्म ही आपका भविष्य का निर्माण करता है।

महा ज्ञानी आचार्य चाणक्य भी कहते थे , इंसान अपने भाग्य का निर्माण खुद करता है , चाणक्य कहते थे प्रत्येक मनुष्य के पास तरह की शक्ति होती है, जो हर मनुष्य के अंदर समहित होता है , एक सकरात्मक ऊर्जा और दूसरी नकारत्मक ऊर्जा , जिसे उपयोग कर मनुष्य के भविष्य निर्माण करता है। यह मनुष्य पर निर्भर करता है की वह अपनी कौन सी ऊर्जा का चयन करता है अपने भविष्य निर्माण में, अगर सकरत्मक ऊर्जा का आज वर्तमान में उपयोग कर अच्छे कार्य करता है योजनाबद्ध हो के तो निकट भविष्य में जरूर उसको सफलता मिलेगा और वह मन सामान, उच्च पद का अधिकारी होगा |

वही नकारत्मक ऊर्जा का चयन कर के कार्य करता है तो निकट भविष्य में उसको उसके कर्मों का फल भी वैसे मिलेगा।  जैसे कोई व्यक्ति नकारत्मक  ऊर्जा का चयन का चोरी ,फ़रेबी ,धोकेबाजी ,कुसंगति, इत्यादि में करता है , तो निकट भविष्य में उसको वैसे फल मिलना तय है , इंसान अपने कर्मों का फल जरूर भोगता है। इस कारण ईश्वर ने आपको जो २४ घंटे का समय दिया है उसको अच्छा सोचने के साथ अच्छे कर्मो को करने में लगाओ। ताकि आपका भविष्य उज्जवल हो सके।

आपका जितना बड़ा लक्ष्य होगा , समस्या उतनी आएगी, अगर आप अपने समय को सही से योजनाबद्ध होकर कार्य करेंगे, तो आपको सफलता १०० % मिलेगा। इस दुनिया में कोई भी अच्छी चीज़ को पाने के लिए समय और परिश्रम के साथ सही दिशा में कार्य करना पड़ता है, तभी सफलता मिलता है, आप अपने भाग्य का निर्माण तभी अच्छे से कर सकते है, जब आप अपने वर्तमान समय का उपयोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते है। अगर आप कर्म सही दिशा में करते है तो लक्ष्य अवश्य मिलता है। अब यह आप पर निर्भर करता है आप अपने २४ घंटे का उपयोग कैसे करते है, और किस ऊर्जा का उपयोग करते है। यह प्राकृति का नियम है आप जैसे काम करेंगे फल वैसे ही मिलेगा।

यदि आप जीवन में कोई लक्ष्य बना के चलते है, और अगर उस लक्ष्य को पाने के लिए आप कोई कार्य ही नहीं करते है, तो कैसे आपको लक्ष्य मिलेगा। अपने लक्ष्य बना लिया अपने भविष्य के लिए, परन्तु आप अपना समय कही और दे रहे है तो सफलता नहीं मिल सकती है आपको, जैसे अपने लक्ष्य बनाया है प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस ) बनाने का पर आप पुस्तक ही ठीक से नहीं पढ़ते है, बिना योजनाबद्ध कार्य करते है साथ में मोज़ा मस्ती ,निंदा, आलस्यता में डूबे रहते है तो आप ही बातों, क्या आपको लक्ष्य मिल सकता है? आपको लक्ष्य किसी भी हालत में नहीं मिल सकता है, आपको अपने सकारत्मक ऊर्जा के साथ योजनाबद्ध होकर अपने २४ घंटे को सही से उपयोग करना होगा, तभी आप लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे।

अंतिम में यही कहना चाहुगा, आप स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं। और अगर अपने २४ घंटे को सही दिशा में उपयोग करेंगे वर्तमान में, तो आपका भविष्य जरूर उज्जवल होगा और आपके कर्मों का फल आपको जरूर मिलेगा।

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धन्यवाद

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