गायत्री मंत्र कैसे काम करता है how gayatri mantra works in hindi

 गायत्री मंत्र कैसे काम करता है

गायत्री मंत्र कैसे काम करता है

गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा जाता है ,क्योंकि गायत्री मंत्र अपने आप में ही महामंत्र है , गायत्री मंत्र को मंत्रो का मंत्र कहा जाता है  ,गायत्री मंत्र के हर अक्षर में बीज मंत्र है अर्थात गायत्री मंत्र में २४ बीज मंत्र है जो दुनिया के सब से ज्यादा बीज मंत्र वाला मंत्र है।

गायत्री मंत्र

 

"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ "

 

गायत्री मंत्र का हिंदी में अर्थ

 

"उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।"

 

गायत्री मंत्र का जाप और ध्यान करने से मनुष्य आत्म कल्याण की ओर आगे बढ़ता  जाता है इस मंत्र का जितना ज्यादा जाप, ध्यान या अनुष्ठान किया जाए उसका लाभ उतना ही अधिक वैसे ही मिलता है। गायत्री मंत्र की शक्ति आध्यात्मिक और भौतिक दोनों लाभ प्रदान करती है आत्मा बुद्धि इंद्रियों ज्ञानेंद्रियों उपमिकाएँ और कर्म को अच्छे मार्ग में ले जाती है, इस कारण इस मंत्र को प्रेरणा देने वाला मंत्र कहा गया है जब हम इस मंत्र का बार बार जप  ध्यान या अनुष्ठान करते हैं तो यह मंत्र हमें अच्छे मार्ग की ओर अनुसरण के लिए प्रेरित करती है प्रेरणा देती है। इस मंत्र का बार-बार जप ध्यान या अनुष्ठान करने से हमारे विचारों में परिवर्तन होता है और सकारात्मक तरंगों के माध्यम से विचार में परिवर्तन होने से मनुष्य अच्छे कर्म करने लग जाता है चरित्र में परिवर्तन होता है व्यवहार में परिवर्तन होता है मनुष्य सयमित बनता है और अपने व्यक्तित्व को ऊपर उठाने की कोशिश करता है तो व्यक्ति के अंदर अच्छे गुणों का विकास होने लगता है। जैसे सकारात्मक सोच में वृद्धि होता है ,आत्म विश्वास में वृद्धि जवाबदेही, क्षमता ,कुशालत ,कार्य क्षेत्र में वृद्धि इत्यादि क्षेत्रों में वृद्धि होता है।व्यक्ति का प्रकृति को देखने का नजरिया बदल जाता है जब व्यक्ति अच्छा कर्म करेगा तो वर्तमान स्थित में पाप कर्म काम हो जाता है और सात्विक गुणों का व्यक्ति के अंदर विकास होता है। जिसे व्यक्ति के पूर्व जन्म के पापों का भी नाश होते जाता है।

 

आध्यात्मिक और वैज्ञानिक आधार पर देखा जाए तो भगवान सूर्य को जीवन चक्र का मूल स्रोत माना जाता है, अगर सूर्य भगवान न होते हो पृथिव में जीवन संभव ही नहीं होता।भगवान सूर्य नारायण को सविता देवता भी कहा जाता है , और सविता देवता का मंत्र ही गायत्री मंत्र है। भगवान सूर्य की स्तुति के लिए गायत्री मंत्र बहुत लाभ दायक और प्रभावशली मंत्र है।यह दुनिया प्रकाश और अंधकार के बीच में स्थित है वैसे ही मनुष्य का जीवन भी प्रकाश और अंधकर के बीच स्थित है , नकारत्मक-सकरत्मक ऊर्जा ,सुख- दुःख के बीच में स्थित है ,जब हम गायत्री मंत्र का जप ध्यान अनुष्ठान करते है तो गायत्री मंत्र हमें सदमार्ग की ओर प्रेरित करता है।

 

भगवान ब्रह्म इस सृष्टि के निर्माण करता है ,भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता है। और भगवान शिव इस सृष्टि के संगहार करता है। भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु को सूर्य भगवान द्वारा प्रस्तुतीकरण करता है, तो भगवान सूर्य के कारण हमरे जीवन में प्राणस्वरूप, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, , देवस्वरूप जैसे गुणों की रचना होती है ,और हमरी आत्म पवित्र ,मन स्वछ होता है और हम अच्छे मार्ग का अनुसरण करते है। वैसे ही भगवान शिव को भगवान शनि देव प्रस्तुतीकरण करता है ,भगवान शनि देव हमरे दुःखनाशक, पापनाशक करता है और हमरे जीवन को तेजस्वी बनने में मदद करता है।

 

 गायत्री मंत्र का महत्व बहुत अधिक और बहुत लाभदायक है यहाँ मंत्र के लाभ अनेक है। ... आशा करता हु आपको मेरी बात समझ आया होगा। अपनी प्रतिकिया कमेंट के माध्यम से जरूर दे।

धंन्यवाद  ...

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