सपने में दर्पण देखना
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| सपने में दर्पण देखना |
सपना सभी
को आते हैं। कई सपने सकारात्मक सपने होते हैं। कई सपने नकारात्मक सपने होते हैं। और
हर सपने का मतलब अलग अलग होता है। सपने में दर्पण देखना शुभ सपना भी है और
अशुभ सपना भी है।
Dreams come to everyone. Many dreams are positive dreams. Many dreams are
negative dreams. And every dream has a different meaning. Seeing a mirror
in a dream is also an auspicious dream and an inauspicious dream.
हमें सपने
क्यों आते हैं :-
हमारा शरीर पंच महाभूत तत्व आकाश, वायु, अग्नि ,जल ,पृथ्वी से
मिलकर बना हुआ होता है। इन पंच महाभूत तत्व को ही प्राणशक्ति बोलते हैं। प्राण शक्ति
के ऊपर में ही आत्मा का वास होता है। जब हम निद्रावस्था में होते हैं तो हमारे शरीर
सो जाता है परंतु हमारी आत्मा जागृत अवस्था में रहती है और वह ब्रह्मांड में गमन करती
है। हमारी जागृत आत्मा के प्रेरणा के कारण हमारी जो बुद्धि जो 3 तरह की होती है। चेतन
,अवचेतन ,अतिचेतन जो हमारी द्वारा भूतकाल में किए गए कार्य और वर्तमान काल में हम जो
कार्य कर रहे हैं उसको जोड़कर स्वप्न के माध्यम से संकेत देती है कि आने वाला भविष्य
कैसा होगा। अगर हम अच्छे कार्य करते हैं तो अच्छे स्वप्न फल आते हैं बुरे कार्य करते
हैं तो बुरे स्वप्न फल आते हैं l
प्रश्न -
सपने में दर्पण देखने का क्या मतलब होता है?
उत्तर - नकारात्मक
पक्ष - मानसिक असंतोष बढ़ेगा , मन में चंचलता बढ़ेगा
सकारात्मक पक्ष - मान सम्मान में वृद्धि होगा, यश की प्राप्ति
होगी।
Question - What would it mean, see mirror in dream?
Answer -
Negative side - mental dissatisfaction will increase, agility will increase in
mind
positive side - Honor will increase, will gain
fame.
उपाय
(Remedy ) :-
सपने में
अगर नकारात्मक सपने आते हैं तो उसको दूर करने के लिए अपने इष्ट देवी देवताओं का ध्यान
करना चाहिए , या शिव जी के मंत्र का ध्यान करना चाहिए , या गायत्री मंत्र का ध्यान
करें, इससे स्वप्न दोष खत्म हो जाता है या इसका प्रभाव कम हो जाता है , और अगर सकारात्मक
सपने आते हैं तो उसको और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपको अपने इष्ट देवी देवताओं का
ध्यान करना चाहिए शिव जी के मंत्र का ध्यान करें , या गायत्री मंत्र का ध्यान करें
ताकि आपको इसके सकारात्मक प्रभाव और लंबे समय तक देखने को मिले।
शिवजी का
मंत्र (Shiv ji ka mantra) :-
"ॐ
नमः शिवाय"
"om
namah: shivay"
गायत्री मंत्र
(Gyatri mantra ) :-
"ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
"
"Om
Bhur-Bhuvah Svah Tat-Savitur-Varenyam Bhargo Devasya Dhimahi Dhiyo Yo Nah
Pracodayaat ||"
गायत्री मंत्र
का हिंदी में अर्थ :- "उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ,तेजस्वी,पापनाशक,
देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि
को सन्मार्ग में प्रेरित करे।"
ईश्वर आप
सभी का मंगल करें धन्यवाद ।

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