सूर्य भगवान
के 12 मंत्र

सूर्य भगवान के 12 मंत्र
भगवान सूर्यनारायण प्रत्यक्ष दिखने वाले
देवता हैं। भगवान सूर्य की नित्य पूजा करने से सूर्य भगवान की घोड़े के समान हमारे
जीवन को सर्वोच्च और श्रेष्ठ की ओर ले जाता है। जैसे भगवान सूर्यनारायण की रोज पूजा
करने से सकारात्मकता ऊर्जा बढ़ती जाती है। जिससे शारीरिक बल, बुद्धि बल, विद्या बल,
धन बल, संगठन बल, चरित्र बल, आत्मा बल, 7 बल जीवन को प्रकाशित, प्रतिष्ठित और संपन्न
बनाने के लिए बहुत ही आवश्यकता होती है।
कलयुग में दो ही देवता जो प्रत्यक्ष रूप
से दिखते हैं। एक चंद्रदेव और दूसरे सूर्य देव हैं। सूर्य देव का जब उदय होता है तो
पूरे संसार में प्रकाश फैल जाता है। सूर्य देवता के कारण मनुष्य या कोई भी प्राणी अपने
जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त करता है। इसी कारण भगवान सूर्यनारायण
को सविता भी कहा गया है। सविता का मतलब होता है। प्राण देने वाला, आत्मा में शक्ति
भरने वाला, भगवान सूर्य नारायण को सभी ग्रहों का राजा भी कहा गया है अगर कुंडली में
भगवान सूर्यनारायण / सूर्य की स्थिति कमजोर हो तो, अगर सूर्य की उपासना / पूजा किया
जाता है तो वहाँ प्रबल होता है। । सनातन काल / प्राचीन काल से भगवान सूर्य नारायण की
उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। अगर भगवान सूर्य नारायण को जल का अर्घ्य दें तो,
इसका विशेष फल प्राप्त होता है l
भगवान सूर्य नारायण को गायत्री मंत्र
या सूर्य गायत्री मंत्र के साथ जल का अर्घ देना चाहिए, और उनके 12 नामों (सूर्य के
12 मंत्र) का भी उच्चारण करना चाहिए। जिससे जीवन में सकारात्मकता और बीमारी दूर हो,
खुशहाली बड़ी, आत्मा बल बड़े, चरित्र बल बड़े, मनोवाँछित फल की प्राप्ति होती है। कार्य
सिद्ध होता है। धन की प्राप्ति होती है। पुत्र की प्राप्ति होती है। और बहुत सारे लाभ
प्राप्त होते हैं। अगर भगवान सूर्य नारायण का उचित विधि से, सही विधि से उसको जल दिया
जाए और सही उपासना किया जाए, तो उसका विशेष लाभ मिलता है, जीवन में इंसान ओजस्वी बनता
है, तेजस्वी बनता है, वर्चस्व भी बनता है, भगवान सूर्य नारायण को गायत्री मंत्र या
सूर्य गायत्री मंत्र के साथ जल अर्घ्य देना चाहिए, साथ में उसके 12 नाम (surya ke
12 मंत्र) का उच्चारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है
गायत्री मंत्र:-
(gayatri mantra)
"ॐ भूर्भुवः
स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ "
"Om
Bhuur-Bhuvah Svah Tat-Savitur-Varennyam Bhargo Devasya Dhiimahi Dhiyo Yo Nah
Pracodayaat ||"
सूर्य गायत्री
मंत्र:- (surya gayatri mantra)
"ऊँ
आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्न: सूर्य प्रचोदयात् II"
II Om adityay
vidmahe prbakray dheemahi tann: suryo prchodayat ll
सूर्य भगवान
के 12 मंत्र (surya bhagwan ke 12 naam)
ॐ सूर्याय
नम: । Om Surya Nam: I
ॐ भास्कराय
नम:। Om Bhaskarai Nam: I
ॐ रवये नम:
। Om Rave Nam: I
ॐ मित्राय
नम: । Om Mitray Nam: I
ॐ भानवे नम:I
Om Bhanve Nam : I
ॐ खगय नम:
। Om Khagay Nam: I
ॐ पुष्णे
नम: । Om Pushpe Nam: I
ॐ मारिचाये
नम: । Om Marichaye Nam: I
ॐ आदित्याय
नम: । Om Adityaaya Nam: I
ॐ सावित्रे
नम: । Om savitre Nam: I
ॐ आर्काय
नम: । Om Arcane Nam: I
ॐ हिरण्यगर्भाय
नम: । Om Hiranyagarbhaya Nam: I
सूर्य भगवान के 12 मंत्र
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सूर्य भगवान के 12 मंत्र |
भगवान सूर्यनारायण प्रत्यक्ष दिखने वाले देवता हैं। भगवान सूर्य की नित्य पूजा करने से सूर्य भगवान की घोड़े के समान हमारे जीवन को सर्वोच्च और श्रेष्ठ की ओर ले जाता है। जैसे भगवान सूर्यनारायण की रोज पूजा करने से सकारात्मकता ऊर्जा बढ़ती जाती है। जिससे शारीरिक बल, बुद्धि बल, विद्या बल, धन बल, संगठन बल, चरित्र बल, आत्मा बल, 7 बल जीवन को प्रकाशित, प्रतिष्ठित और संपन्न बनाने के लिए बहुत ही आवश्यकता होती है।
गायत्री मंत्र:- (gayatri mantra)
"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ "
"Om Bhuur-Bhuvah Svah Tat-Savitur-Varennyam Bhargo Devasya Dhiimahi Dhiyo Yo Nah Pracodayaat ||"
सूर्य गायत्री मंत्र:- (surya gayatri mantra)
"ऊँ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्न: सूर्य प्रचोदयात् II"
II Om adityay vidmahe prbakray dheemahi tann: suryo prchodayat ll
सूर्य भगवान के 12 मंत्र (surya bhagwan ke 12 naam)
ॐ सूर्याय नम: । Om Surya Nam: I
ॐ भास्कराय नम:। Om Bhaskarai Nam: I
ॐ रवये नम: । Om Rave Nam: I
ॐ मित्राय नम: । Om Mitray Nam: I
ॐ भानवे नम:I Om Bhanve Nam : I
ॐ खगय नम: । Om Khagay Nam: I
ॐ पुष्णे नम: । Om Pushpe Nam: I
ॐ मारिचाये नम: । Om Marichaye Nam: I
ॐ आदित्याय नम: । Om Adityaaya Nam: I
ॐ सावित्रे नम: । Om savitre Nam: I
ॐ आर्काय नम: । Om Arcane Nam: I
ॐ हिरण्यगर्भाय नम: । Om Hiranyagarbhaya Nam: I
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