घर में घड़ी कहां लगाना चाहिए
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ghadi ki disha |
सामान्य तौर पर किसी भी घर में चार दीवाल जरूर होते हैं। एक पूर्व दिशा होता है पश्चिम दिशा होता है उत्तर दिशा होता है कि दक्षिण दिशा होता है।
घर में दीवार घड़ी कहां लगाएं जा सकता है पर उसके पीछे क्या वैज्ञानिक दर्शन है उसको जानना जरूरी है। अगर हम घड़ी को पूर्व दिशा में लगाते हैं तो हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा बहुत हम किसी भी कार्य को कर रहे तो उसके बारे में बहुत ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा भरता है। ज्यादा सकारात्मक सोचते हैं।
पृथ्वी पर जितना भी जीवन संभव है वह सारा निर्भर है सूर्य पर वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे जीवन को प्रभावित करता है। घर पर घड़ी को आप दक्षिण दिशा के छोड़ किसी भी दिशा में लगा सकते हैं। दक्षिण दिशा का मतलब होता है। अगर आप दक्षिण दिशा में लगाए हैं तो उस दिशा को आप बार-बार देख रहे हैं। हिंदू धर्म शास्त्र में दक्षिण दिशा को यम का दिशा माना गया है। अगर आप दक्षिण दिशा में घड़ी को लगाते हैं तो आपके साथ दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। आपके कार्य में बाधा आने की संभावना बढ़ जाती है। आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा भर जाती है तो इस तरह की कुछ घटनाएं घटने लग जाती है तो दक्षिण दिशा को छोड़कर आप किसी भी दिशा में आराम से घड़ी को लगा सकते हैं और देख सकते हैं परंतु पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में लगाना बहुत शुभ माना जाता है।
सूर्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपके मन शरीर को प्रभावित करता है। आपके कार्य को प्रभावित करता है। अगर आप पूर्व दिशा की दीवार पर घड़ी को लगाते हैं तो देखेंगे आप अपने दिनचर्या में बहुत सारे सकारात्मक परिवर्तन होने लग जाएंगे। क्योंकि आप बार-बार पूर्व दिशा को देख रहे हैं। अगर आप उत्तर दिशा में लगाते हैं तो भी आपके दिनचर्या में परिवर्तन होगा क्योंकि आप बार-बार उत्तर दिशा को देख रहे हैं पश्चिम दिशा में भी आप लगा सकते हैं तो भी आपके दिनचर्या में परिवर्तन होगा जिस दिशा में दीवार पर घड़ी को लगाएं हैं। उस दिशा में आपका मुख उसी दिशा में होना चाहिए। जैसे आप पूर्व दिशा में घड़ी को लगाते हैं तो घड़ी का मुख पश्चिम दिशा में होगा परंतु आपका मुख पूर्व दिशा में होगा तो इस तरह से घड़ी को लगाना चाहिए।
घर में दीवार घड़ी किस दिशा में लगाना चाहिए -घड़ी को दक्षिण दिशा में नहीं लगाने की कारण यह है कि पृथ्वी से जो इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड से जो किरण निकलती है और सूर्य की वजह से जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के वजह से जो किरण निकलती है तो वह सेम डायरेक्शन होने की वजह से हमारे मन में बहुत सारे नेगेटिव तरंग उत्पन्न करते हैं। जिसकी वजह से हम को हानि होती है तो इसी वजह से दक्षिण दिशा में घड़ी को नहीं लगाना चाहिए। हमें बार-बार दक्षिण दिशा की ओर नहीं देखना चाहिए। यही एक कारण है इसका।।
कोई भी चुंबक को एक ही डायरेक्शन में दो चुंबक को रख दिया जाए तो वह आकर्षण के जगह प्रतिकर्षण करते हैं। वैसे ही पृथ्वी और सूर्य जब सेम डायरेक्शन पर होते हैं और उस समय सूर्य जब तेज अवस्था में होता है। जब दक्षिण में होता है तो उसके जो मैग्नेटिक फील्ड किरण आती है वह बहुत ज्यादा मात्रा में आती है उसी समय पृथ्वी कभी मैग्नेटिक फील्ड जो किरण है आती है तो क्या रिपल्शन ज्यादा हो जाता है उसकी वजह से हमारे मन में नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न होता है। बहुत सारे तरंग उत्पन्न होते हैं जिसकी वजह से हम को हानि हो जाती हैं।दक्षिण दिशा में ना लगाने के पीछे यही एक कारण है कि आपके अंदर नकारात्मक उर्जा ना भरे और आप सकारात्मकता के साथ कार्य कर सकें।
धन्यवाद ईश्वर आप सभी का मंगल करें।
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