गायत्री मंत्र का महत्व और उसका 24 लाभ
( Importance of Gayatri Mantra and its 24 benefits)

गायत्री मंत्र का महत्व
गायत्री मंत्र का महत्व ( Importance
of Gayatri Mantra)
गायत्री मंत्र एक महामंत्र है, त्रेता युग
में हजारों वर्ष पूर्व महर्षि विश्वामित्र ने इस मंत्र की रचना कि। गायत्री मंत्र
में ईश्वर से प्रार्थना किया जाता है, कि वह हमारे बुद्धि को सन्मार्ग की ओर
प्रेरित करे और ईश्वर की भक्ति में लगाए ,साथ में हमारे मन ,बुद्धि ,आत्म ,शरीर और
कर्म को पवित्र करे। ताकि हम अपने जीवन बेहतर ,खुशाल और अच्छे मार्ग का अनुशरण कर
सके।
गायत्री मंत्र
"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो
देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ "
गायत्री मंत्र का हिंदी में अर्थ
"उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।"
गायत्री माता को वेदमाता भी कहा जाता है गायत्री
मंत्र का जाप करने से समस्त वेदों और पुराणों का ज्ञान धीरे-धीरे होते जाता है, गायत्री
मंत्र की उत्पत्ति का कारण, भारत के महान ऋषि की तपस्या का फल है और भारत में
सदियों से ही गायत्री मंत्र का विशेष महत्व रहा है और आगे भी रहेगा। गायत्री
मंत्र का वर्णन ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62 सूक्त के 10 श्लोक में किया गया है, ऋग्वेद
का सबसे प्रभावशाली मंत्र गायत्री मंत्र है और इस मंत्र में सविता देवता से
प्रार्थना किया जाता है अच्छे मार्ग की ओर ले जाने के लिए और अपनी चेतन को ईश्वर
से जोड़ने के लिए, माता गायत्री को विश्व माता, वेदमाता और भारत की संस्कृति की
जननी भी कहा जाता है,
सिद्धा किया हुआ, गायत्री मंत्र कामधेनु के समान
है जो सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं, रिद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि और हजारों फल
प्रदान करने वाली मंत्र है इस मंत्र की शक्ति के महत्व के बारे में महर्षि
विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद,
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी, महर्षि यज्ञवल, महर्षि पराशर और महर्षि शंकराचार्य
आदि जैसे महान ऋषि ने इसके महत्व को बार-बार बताया है।
गायत्री मंत्र में 24 बीज मंत्र है। दुनिया
के किसी मंत्र में इतना बीज मंत्र एक साथ नहीं होता है इसी कारण गायत्री मंत्र को
महामंत्र कहा जाता है, दुनिया में बहुत सारे मंत्र हैं पर बहुत सारे मंत्र
में एक या दो ही बीज मंत्र होते हैं हर मंत्र का बीज मंत्र होता है और हर मंत्र का
बीज मंत्र वैसा फल देता है जो उसमे उल्लेखित हुआ होता है, परंतु गायत्री मंत्र ऐसा
मंत्र है जिसमें 24 बीज मंत्र एक साथ हैं और इस मंत्र को जाप करने से बहुत सारे
फल, सिद्धियां एक साथ मिलता है इसी करना सिद्धा किया हुआ गायत्री मंत्र को
कामधेनु कहा गया है।
मंत्र क्या है
मंत्र ऊर्जा का एक संगठित रूप है जब हम मंत्र का
जाप करते हैं तो उस ऊर्जा को हम अपनी ओर खींचते हैं आकर्षित करते हैं इस ब्रह्मांड
में 24 ऊर्जा का केंद्र है और हमारे शरीर में भी 24 ऊर्जा का केंद्र होता है
जब हम गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो वह 24 ऊर्जा का केंद्र है जो हमारे शरीर
में है वह जागृत होने लगती है और हमें वैसी सिद्धियां, वैसी शक्तियां, वैसा ज्ञान
हमें प्राप्त होने लगता है और हमारी चेतना परमात्मा से जुड़ जाती है।
वैज्ञानिक रिसर्च
विज्ञान ने भी गायत्री मंत्र पर रिसर्च किया है
दुनिया भर के बहुत सारे यूनिवर्सिटी और संस्थान में गायत्री मंत्र का रीसर्च किया
जा रहा है, भारत के AIIMS यूनिवर्सिटी में रिसर्च किया गया, गायत्री मंत्र पर
तो पाया गया की जिन लोगो ने गायत्री मंत्र का नियमित जप किया था, उनकी बुद्धि में
आश्चर्य जनक रूप से वृद्धि हुआ, और पहले से ज्यादा खुश, सकारात्मक ऊर्जा भरा हुआ
महसूस कर रहे थे. जर्मनी के हैंबर्ग यूनिवर्सिटी और हावर्ड यूनिवर्सिटी में
भी गायत्री मंत्र के बारे में रिसर्च किया गया, तो यहां पाया गया कि 1 सेकंड में
1010000 साउंड एनर्जी उत्पन्न होता है, गायत्री मंत्र के जाप करने से
पॉजिटिव एनर्जी उत्पन्न होती है, यह मस्तिष्क के आगे के हिसा जिसको
परफोरंटल कॉन्टेस्ट कहते है जिसमें हमारी बौद्धिक क्षमता और चेतना का विकास होता
है, जिसमें हम डिसीजन लेते हैं, प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं जागरूक रहते हैं,
फ़िनशल के बारे में सोचते हैं, अपनी इमोशन के बारे में सोचते हैं, अपने हेल्थी
लाइफस्टाइल के बारे में सोचते हैं, उसमें सकारात्मक रूप से परिवर्तन देखा गया, गायत्री
मंत्र जाप करने से गाभा नाम का एक हार्मोन उत्पन्न होता है, अगर गाभा नाम का
हारमोंस कम हो जाए हमारे शरीर में तो हमें बेचैनी, अशांति, अनिद्रा जैसे गुण
उत्पन्न होते हैं, और इसके वजह से हम ना कोई डिसीजन ले पाते हैं, ना कोई अच्छा
कार्य कर पाते हैं बेचैन रहते हैं परंतु जब हम गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो
गाभा का नाम का हार्मोन्स उत्पन्न होता है और हमें सुकून शांति और सकारत्मक
ऊर्जा मिलती है। जो हमारे जीवन के लिए अति उपयोगी है, गायत्री मंत्र का
जाप करने से माइंड में ब्लड सप्लाई अच्छा हो जाता है, और दिमाग मे पॉजिटिव एनर्जी
उत्पन्न होती है, इसको न्यूरोप्लास्टी कहा जाता है.
गायत्री मंत्र का जप कब और कैसे करे
गायत्री मंत्र का जप ब्रम्हमुर्त, दोपहर और
संधाय के समय किया जाना चाहिए। गायत्री मंत्र को चंदन या तुलसी के माला से
जपना अच्छा माना जाता है, गायत्री मंत्र को बोलकर , मानसिक और आत्म से जप और ध्यान
किया जाता है। जप करते समय गायत्री माता से प्रार्थना करनी चाहिए, की माता हमारे
जीवन को ओजस्वी , तेजस्वी ,वर्चस्वी , अन्तरकरण को शुध्द और ह्रदय को पवित्र करे.
ऐसा प्रार्थना माँ से जरूर करनी चाहिए और साथ में गायत्री मंत्र के अर्थों को भी
याद करते रहना चाहिए।
गायत्री मंत्र जाप करने से 24 से अधिक लाभ होता है
गायत्री मंत्र की महिमा अर्थ वेद में बताया गया है, और साथ में गुरुमंत्र भी कहा जाता है इसे द्विज मंत्र भी कहा जाता है अगर आपका सामन्य जीवन जी रहे हैं,और साथ में आप इस मंत्र का सहारा लेते हैं या इस मंत्र का जाप करते हैं तो आपका जीवन एक अच्छे मार्गों पर जाना शुरु कर देता है, इसी कारण दुविज बीज मंत्र कहा जाता है, गायत्री मंत्र आपके पापों का नाश करता
है, आपका ह्रदय और मन पवित्र होता है, बुद्धि प्रखर होती है ,आयु बढ़ती है , आपके शरीर का ओज बढ़ाता है , चेहरे में अतभुत चमक अति है ,आभामण्डल बनता है ,आपका आकर्षण बढ़ाता है ,आपके प्रभाव में वृद्धि होता है , वर्चस में वृद्धि होती है , तेजस्वी बढ़ाता
है, आपकी वाणी प्रभावशील हो जाती है ,कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है, समाज , परिवार
, मित्रों के बीच में आपके प्रभाव बढ़ जाता है, आपके के सुख समृद्धि ,वैभव
,कीर्ति,और आपके अंदर चुमबकत्व शक्ति का विकास होता है, आपका कार्य प्रभावशील होता
है, सद्गुणों की खान होते जाते है धीरे धीरे ,आत्मबल में वृद्धि होता है आर्थिक
उन्नति होता है , पूर्वमान होने लगता है , नकारत्मक सपने भी सकरात्मक सपने हो जाते
है ,प्राण शक्ति का विकास होता है , आपका जीवन वही रहता है परन्तु आंतरिक मन
पवित्र और प्रबल होते है। आपके स्वस्थ सुधार होता है, ब्लड प्रेस्सर अच्छा
रहता है, असाध्य रोगो का नाश होता है , आपके पापों का नाश होता है ,दिमाग की चेतना
विकास होता है और आप मानवों से महामानवों भी बन सकते है, आपके काम में सफलता मिलती
है ,अशुद्धा कार्य भी गायत्री मंत्र के जप से धीरे धीरे छूट जाता है ,मंद बुद्धि
वाला भी उच्च पद को प्राप्त करता है, अविद्या का नाश होता है, ज्योतिष और गुड
विद्या का भी ज्ञान होता है, गायत्री मंत्र का जप करने वाला अपने आत्म का दर्शन भी
कर सकता है परन्तु इसके लिए सुद्धा मन से काफी जप करना पड़ेगा। गायत्री मंत्र के जप
से चेतन के विभिन स्तर में परिवर्तन लाया जा सकता है। इच्छा और मनोकामना पूरी करने
का सरल मंत्र गायत्री मंत्र है, गायत्री मंत्र सद्बुद्धि का मंत्र है , इस कारण
गायत्री मंत्र को मंत्रो का मुकुट मणि भी कहा जाता है।
हमेशा ईश्वर की कृपा आप पर बनी रहे। अपनी अनुभव
जरूर कमेंट कर के शेयर करे।
धन्यवाद। ...
गायत्री मंत्र का महत्व और उसका 24 लाभ ( Importance of Gayatri Mantra and its 24 benefits)
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गायत्री मंत्र का महत्व |
गायत्री मंत्र का महत्व ( Importance
of Gayatri Mantra)
गायत्री मंत्र एक महामंत्र है, त्रेता युग में हजारों वर्ष पूर्व महर्षि विश्वामित्र ने इस मंत्र की रचना कि। गायत्री मंत्र में ईश्वर से प्रार्थना किया जाता है, कि वह हमारे बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे और ईश्वर की भक्ति में लगाए ,साथ में हमारे मन ,बुद्धि ,आत्म ,शरीर और कर्म को पवित्र करे। ताकि हम अपने जीवन बेहतर ,खुशाल और अच्छे मार्ग का अनुशरण कर सके।
गायत्री मंत्र
"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ "
गायत्री मंत्र का हिंदी में अर्थ
"उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।"
गायत्री माता को वेदमाता भी कहा जाता है गायत्री मंत्र का जाप करने से समस्त वेदों और पुराणों का ज्ञान धीरे-धीरे होते जाता है, गायत्री मंत्र की उत्पत्ति का कारण, भारत के महान ऋषि की तपस्या का फल है और भारत में सदियों से ही गायत्री मंत्र का विशेष महत्व रहा है और आगे भी रहेगा। गायत्री मंत्र का वर्णन ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62 सूक्त के 10 श्लोक में किया गया है, ऋग्वेद का सबसे प्रभावशाली मंत्र गायत्री मंत्र है और इस मंत्र में सविता देवता से प्रार्थना किया जाता है अच्छे मार्ग की ओर ले जाने के लिए और अपनी चेतन को ईश्वर से जोड़ने के लिए, माता गायत्री को विश्व माता, वेदमाता और भारत की संस्कृति की जननी भी कहा जाता है,
सिद्धा किया हुआ, गायत्री मंत्र कामधेनु के समान है जो सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं, रिद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि और हजारों फल प्रदान करने वाली मंत्र है इस मंत्र की शक्ति के महत्व के बारे में महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी, महर्षि यज्ञवल, महर्षि पराशर और महर्षि शंकराचार्य आदि जैसे महान ऋषि ने इसके महत्व को बार-बार बताया है।
गायत्री मंत्र में 24 बीज मंत्र है। दुनिया के किसी मंत्र में इतना बीज मंत्र एक साथ नहीं होता है इसी कारण गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा जाता है, दुनिया में बहुत सारे मंत्र हैं पर बहुत सारे मंत्र में एक या दो ही बीज मंत्र होते हैं हर मंत्र का बीज मंत्र होता है और हर मंत्र का बीज मंत्र वैसा फल देता है जो उसमे उल्लेखित हुआ होता है, परंतु गायत्री मंत्र ऐसा मंत्र है जिसमें 24 बीज मंत्र एक साथ हैं और इस मंत्र को जाप करने से बहुत सारे फल, सिद्धियां एक साथ मिलता है इसी करना सिद्धा किया हुआ गायत्री मंत्र को कामधेनु कहा गया है।
मंत्र क्या है
मंत्र ऊर्जा का एक संगठित रूप है जब हम मंत्र का जाप करते हैं तो उस ऊर्जा को हम अपनी ओर खींचते हैं आकर्षित करते हैं इस ब्रह्मांड में 24 ऊर्जा का केंद्र है और हमारे शरीर में भी 24 ऊर्जा का केंद्र होता है जब हम गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो वह 24 ऊर्जा का केंद्र है जो हमारे शरीर में है वह जागृत होने लगती है और हमें वैसी सिद्धियां, वैसी शक्तियां, वैसा ज्ञान हमें प्राप्त होने लगता है और हमारी चेतना परमात्मा से जुड़ जाती है।
वैज्ञानिक रिसर्च
विज्ञान ने भी गायत्री मंत्र पर रिसर्च किया है दुनिया भर के बहुत सारे यूनिवर्सिटी और संस्थान में गायत्री मंत्र का रीसर्च किया जा रहा है, भारत के AIIMS यूनिवर्सिटी में रिसर्च किया गया, गायत्री मंत्र पर तो पाया गया की जिन लोगो ने गायत्री मंत्र का नियमित जप किया था, उनकी बुद्धि में आश्चर्य जनक रूप से वृद्धि हुआ, और पहले से ज्यादा खुश, सकारात्मक ऊर्जा भरा हुआ महसूस कर रहे थे. जर्मनी के हैंबर्ग यूनिवर्सिटी और हावर्ड यूनिवर्सिटी में भी गायत्री मंत्र के बारे में रिसर्च किया गया, तो यहां पाया गया कि 1 सेकंड में 1010000 साउंड एनर्जी उत्पन्न होता है, गायत्री मंत्र के जाप करने से पॉजिटिव एनर्जी उत्पन्न होती है, यह मस्तिष्क के आगे के हिसा जिसको परफोरंटल कॉन्टेस्ट कहते है जिसमें हमारी बौद्धिक क्षमता और चेतना का विकास होता है, जिसमें हम डिसीजन लेते हैं, प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं जागरूक रहते हैं, फ़िनशल के बारे में सोचते हैं, अपनी इमोशन के बारे में सोचते हैं, अपने हेल्थी लाइफस्टाइल के बारे में सोचते हैं, उसमें सकारात्मक रूप से परिवर्तन देखा गया, गायत्री मंत्र जाप करने से गाभा नाम का एक हार्मोन उत्पन्न होता है, अगर गाभा नाम का हारमोंस कम हो जाए हमारे शरीर में तो हमें बेचैनी, अशांति, अनिद्रा जैसे गुण उत्पन्न होते हैं, और इसके वजह से हम ना कोई डिसीजन ले पाते हैं, ना कोई अच्छा कार्य कर पाते हैं बेचैन रहते हैं परंतु जब हम गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो गाभा का नाम का हार्मोन्स उत्पन्न होता है और हमें सुकून शांति और सकारत्मक ऊर्जा मिलती है। जो हमारे जीवन के लिए अति उपयोगी है, गायत्री मंत्र का जाप करने से माइंड में ब्लड सप्लाई अच्छा हो जाता है, और दिमाग मे पॉजिटिव एनर्जी उत्पन्न होती है, इसको न्यूरोप्लास्टी कहा जाता है.
गायत्री मंत्र का जप कब और कैसे करे
गायत्री मंत्र का जप ब्रम्हमुर्त, दोपहर और संधाय के समय किया जाना चाहिए। गायत्री मंत्र को चंदन या तुलसी के माला से जपना अच्छा माना जाता है, गायत्री मंत्र को बोलकर , मानसिक और आत्म से जप और ध्यान किया जाता है। जप करते समय गायत्री माता से प्रार्थना करनी चाहिए, की माता हमारे जीवन को ओजस्वी , तेजस्वी ,वर्चस्वी , अन्तरकरण को शुध्द और ह्रदय को पवित्र करे. ऐसा प्रार्थना माँ से जरूर करनी चाहिए और साथ में गायत्री मंत्र के अर्थों को भी याद करते रहना चाहिए।
गायत्री मंत्र जाप करने से 24 से अधिक लाभ होता है
गायत्री मंत्र की महिमा अर्थ वेद में बताया गया है, और साथ में गुरुमंत्र भी कहा जाता है इसे द्विज मंत्र भी कहा जाता है अगर आपका सामन्य जीवन जी रहे हैं,और साथ में आप इस मंत्र का सहारा लेते हैं या इस मंत्र का जाप करते हैं तो आपका जीवन एक अच्छे मार्गों पर जाना शुरु कर देता है, इसी कारण दुविज बीज मंत्र कहा जाता है, गायत्री मंत्र आपके पापों का नाश करता है, आपका ह्रदय और मन पवित्र होता है, बुद्धि प्रखर होती है ,आयु बढ़ती है , आपके शरीर का ओज बढ़ाता है , चेहरे में अतभुत चमक अति है ,आभामण्डल बनता है ,आपका आकर्षण बढ़ाता है ,आपके प्रभाव में वृद्धि होता है , वर्चस में वृद्धि होती है , तेजस्वी बढ़ाता है, आपकी वाणी प्रभावशील हो जाती है ,कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है, समाज , परिवार , मित्रों के बीच में आपके प्रभाव बढ़ जाता है, आपके के सुख समृद्धि ,वैभव ,कीर्ति,और आपके अंदर चुमबकत्व शक्ति का विकास होता है, आपका कार्य प्रभावशील होता है, सद्गुणों की खान होते जाते है धीरे धीरे ,आत्मबल में वृद्धि होता है आर्थिक उन्नति होता है , पूर्वमान होने लगता है , नकारत्मक सपने भी सकरात्मक सपने हो जाते है ,प्राण शक्ति का विकास होता है , आपका जीवन वही रहता है परन्तु आंतरिक मन पवित्र और प्रबल होते है। आपके स्वस्थ सुधार होता है, ब्लड प्रेस्सर अच्छा रहता है, असाध्य रोगो का नाश होता है , आपके पापों का नाश होता है ,दिमाग की चेतना विकास होता है और आप मानवों से महामानवों भी बन सकते है, आपके काम में सफलता मिलती है ,अशुद्धा कार्य भी गायत्री मंत्र के जप से धीरे धीरे छूट जाता है ,मंद बुद्धि वाला भी उच्च पद को प्राप्त करता है, अविद्या का नाश होता है, ज्योतिष और गुड विद्या का भी ज्ञान होता है, गायत्री मंत्र का जप करने वाला अपने आत्म का दर्शन भी कर सकता है परन्तु इसके लिए सुद्धा मन से काफी जप करना पड़ेगा। गायत्री मंत्र के जप से चेतन के विभिन स्तर में परिवर्तन लाया जा सकता है। इच्छा और मनोकामना पूरी करने का सरल मंत्र गायत्री मंत्र है, गायत्री मंत्र सद्बुद्धि का मंत्र है , इस कारण गायत्री मंत्र को मंत्रो का मुकुट मणि भी कहा जाता है।
हमेशा ईश्वर की कृपा आप पर बनी रहे। अपनी अनुभव जरूर कमेंट कर के शेयर करे।
धन्यवाद। ...
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