योग || yoga

योग क्या है | what is yoga in hindi 

importance of yoga for physical health


योग का क्या अर्थ है | yoga define 

योग भारतीय संस्कृति का महान दर्शन है, योग मनुष्य के आतंरिक और बाह्य जगत को विकास और शुद्धि करने का साधन है, योग से मनुष्य अपने जीवन का बेहतर विकास कर सकता है, अपने जीवन का कल्याण कर सकता है, योग के मध्यम से मनुष्य अपने जीवन का चहुंमुखी विकास कर सकता है, योग को केवल शरीरिक व्याम समझा गलत होगा, क्योंकि योग से हम अपने शरीर( बाह्य और आतंरिक ), मन ( चेतन, अवचेतन, अतिचेतन ), बुद्धि और अपने आत्मा को एक बिंदु में जोड़कर स्थिर कर सकते है, अर्थात योग आपके शरीर के विभिन्न सूक्ष्म बिन्दुवों को जोड़ने का कार्य करता है, योग आपके स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर को शुद्ध कर के पूर्णता जागरित करता है। योग से आप अपने मन के चित वृतियों को पूर्णता नियंत्रित कर सकते है, योग आपको मानव से महामानव बना सकता है, महर्षि पतंजलि ने योग-सूत्र की रचना की, जिसके अनुसार मनुष्य योग के मध्यम से तत्वदर्शी होकर परब्रम्ह को प्राप्त कर सकता है, अर्थात मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।

 

योग के लाभ | benefits of yoga 

 

महर्षियों, ऋषिमुनियों, साधु-संतो और योग साधको के अनुसार योग के अनेक लाभ है, जिसका व्याख्या करना इस आर्टिकल में कर पाना संभव नहीं होगा, लेकिन कोशिश यही है, की आप तक सही जानकारी पहुंचे। योग के लाभों को तीन मुख्य श्रेणी में विभाजन किया जा सकता है।

A. योग के आध्यात्मिक लाभ, B. योग के मानसिक लाभ और C. योग के शारीरिक लाभ इन श्रेणी को एक एक कर के विस्तार से जाने की कोशिश करते है।

 

A. योग के आध्यात्मिक लाभ | spiritual benefits of yoga 

योग दर्शन के आध्यात्मिक मार्ग का अनुसरण करके मनुष्य अपने इंद्रियों, ज्ञानेंद्रियों अपने मन (चेतन, अवचेतन, अतिचेतन) और बुद्धि को नियंत्रित कर सकता है, योग दर्शन का आध्यात्मिक मार्ग मनुष्य के तीनों शरीरों स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर, और कारण शरीर को एक बिंदु में केंद्रित करके आपके कर्म और संस्कार को शुद्ध करता है, योग दर्शन का आध्यात्मिक मार्ग से मनुष्य अपनी कुंडली को जागृत करके अपने परम चेतना को जागृत करता है, जिसके कारण मनुष्य के कर्म, संस्कार, चित, बुद्धि, इन्द्रियों, ज्ञानेद्रियों में शुद्धिकरण होता है, जिसके परिणाम स्वरुप आत्मा शुद्धि,आत्मा उन्नति,और आत्मा ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिसे वास्तविक जगत में तत्व ज्ञानी या आत्मा ज्ञान कहा जाता है, अर्थात वह तत्वदर्शी हो जाता है, जो अपने भीतर स्थित आत्मा का दर्शन का सकता है, ऐसे स्थित में वह पुरुष और प्रकृति में घटने वाली घटना को सम-भाव से देखने लगता है, योग के माध्यम से मनुष्य अपने भूतकाल, भविष्यकाल और वर्तमानकाल को नियंत्रित करने लगता है,  क्योकि वह मनुष्य उच्च आधयात्मिक योग से तत्वदर्शी होकर वह परम ज्ञान को प्राप्त कर लेता है, योग दर्शन का आध्यात्मिक मार्ग मनुष्य को मोक्ष प्राप्त करने का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है, अर्थात मनुष्य की आत्मा, परब्रम्ह के चेतना में लीन हो जाता है, इस अवस्था में आत्मा और परमात्मा एक हो जाते है। यही योग दर्शन के परम आध्यात्मिक लाभ है।

योग दर्शन के आध्यात्मिक मार्ग के अनुसरण अनेक सिद्धि,समृद्धि, वर्चस्व, ऊर्जा, ज्ञान, आभामंडल इत्यादि की प्राप्ति किया जा सकता है।

 

B. योग के मानसिक लाभ | mental benefits of yoga 

योग की साधन से मनुष्य अपने इन्द्रियों, कर्मेन्द्रियों, ज्ञानेद्रियों, सूक्ष्म बिंदुवो को जागरित कर लेता है। जब आप योग की क्रिया करते है, तब आपके मस्तिष्क में आने वाली अवांछित विचारों पर नियंत्रण होने लगता है, जिसे आप अपने मन को नियंत्रित कर पाने में सक्षम हो जाते है।  योग आपके चेतन, अवचेतन, अतिचेतन मन पर गहर प्रभाव डालता है, जिसके कारण मन में उठाने वाले अवांछित तरंगों पर रोक लगने लगता है। अर्थात आपका मन नियंत्रित होकर एक बिंदु पर स्थिर हो जाता है। जिसका मतलब है पूरी तरह से मन को नियंत्रण हो जाना होता है।

 

1. योग के अभ्यास से आपका मन वर्तमान समय में रहना शुरू कर देता है, जिसे आपको समझने, बोलने, कार्य करने, निर्णय लेने, रिस्क लेने में आसानी होती है।

2. योग के अभ्यास से आपका निर्णय क्षमता, प्रबंधन,नेतृत्व क्षमता इत्यादि में वृद्धि होती है। 

3. योग के अभ्यास से आपका संचार कौशल बहुत बेहतर हो जाता है। आप किसी भी कार्य को बहुत केंद्रित होकर बहुत ध्यान पूर्वक करते हैं, जिसमें आपको सफलता मिलने की गुंजाइश बहुत अधिक हो जाती है। 

4. योग की साधना से आपके जागृत सूक्ष्म शरीर के कारण स्वप्न और अंगों के फड़कने में नियंत्रण होने लगता है। 

5. योग की साधना से मानसिक तनाव कम होती है, क्योकि आपके मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को ऊर्जा मिलती है, और मस्तिष्क का न्यूरॉन्स स्वस्थ होने लगता है, जिसके कारण मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिसका परिणाम आपकी बुद्धि प्रखर होती जाती है, जिसे आप किसी भी समस्या का हल निकलने में सक्षम होते हो। 

6. योग की साधना से आतंरिक खुशी और आनंद का उदभव होता है। 

7. योग के अभ्यास से आपके मानसिक उर्जा में वृद्धि के कारण आपका मन नियंत्रित होती जाता है, और आप अपने कार्यों, अपने विचारों को तेजी से नियंत्रित करते जाते हैं, अर्थात आप अपने कार्य पर अत्यधिक केंद्रित हो जाते हैं। योग आपको सफल, पराक्रमी बने में मदद करता है।

8. योग के अभ्यास के कारण आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

9. योग के अभ्यास के कारण आप अपने नकारत्मक विचारों और शक्तियों का त्याग कर के सकारत्मक विचारों और शक्तियों को धारण करते है। 

10. योग के साधन से आप अपने आसपास एक सकारात्मक आभामंडल का निर्माण करते हो, जिसे आपका सकारत्मक ऐटिटूड कहना गलत नहीं होगा, आपके सकारत्मक ऐटिटूड से आपके व्यवहार में सकारत्मक परिवर्तन होता है। यह गुना लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। आपके अंदर योग के मध्यम से चुंबकीय गुणों का विकास होता है। आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनते जाता है। जिसे आपको लोगों से आपको इज्जत और सम्मान मिलने लगता है। 

11. योग की साधन आपके मस्तिष्क के न्यूरॉन्स का अच्छा विकास होता है, जिसे आपके स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।

12. योग की साधन से आपके मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।

13. योग की साधन बुद्धि प्रखर करने का साधन है।

14. योग की साधन से आपके मन और इन्द्रियों में अच्छे नियंत्रण से आपका व्यवहार सकारत्मक हो जाता है।

15. योग साधना आपको इस जीवन को सकारात्मक बनाता है आपके संबंधों को सकारात्मक बनाता है आपकी सोच में नई ऊर्जा के कारण आपको अंतर्दृष्टि और दूर दृष्टि बनता है, आपके अंदर बहुमुखी प्रतिभाओं के विकास करता है।

 

C. योग के शारीरिक लाभ | physical benefits of yoga 

योग साधन का विशेष शारीरिक लाभ है,  प्राथमिक और द्वितीयक स्तर पर योग से शरीर को बहुत अधिक लाभ होता है, योग क्रिया को हम अपने जीवन में अपनते है, तो दिन प्रतिदिन हमारा जीवन उच्च मार्ग का अनुसरण करने लगता है, और योग धीरे धीरे हम सभी की आदत में शामिल हो जाता है। योग से विभिन्न शारीरिक लाभ मिलता है।

जब हम योग साधन के समय अपने ध्यान को केंद्रित करते है, तो हमारा ध्यान श्वास में केंद्रित हो जाता है, जिसे हमारा मन प्रकृति से जुड़ा जाता है, प्रकृति से जुड़ने से हमारा शरीर में कॉस्मिक ऊर्जा का संचार होने लगता है, जिसके कारण हमारे शरीर के अशुद्धियों का नाश होने लगता है, या कहे हमारे बीमारियों का उपचार होने लगता है।

 

शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से योग बहुत महत्वपूर्ण है, योग से हमारे शरीर के विभिन्न अंगों के रोगों का आसानी से निदान जाते हैं, जैसे हाइपरटेंशन, किडनी की सफाई, ह्रदय का स्वस्थ होना, डायबिटीज, मोटापा पन, खून की शुद्धता, मानसिक उपचार, दमा, साइनस की समस्या, बालों का झड़ना, शारीरिक शिथिलता, रक्तचाप, आंखों की रोशनी, शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि, वजन में कमी, प्रतिरोधक क्षमता में सुधार, सुनने की प्रवृत्ति, दिमागी स्तर को बेहतर बनाने के लिए हम सभी योग कि साधना का उपयोग कर सकते हैं, योग इन सभी बीमारियों के लिए कारगर साबित होता है।

 

योग हमारे शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से ऊर्जा प्रदान करता है, योग से हम सभी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकते है, हम सभी योग करने के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो जाते है, और साथ ही साथ हमारा शरीर लचीलापन और मन एकाग्रचित हो जाता है। जिसे हमारा शरीर योग से पूर्ण स्वस्थ हो जाता है। 

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