मन शांत क्यों नहीं रहता है || why my mind is not calm in hindi

अशांत मन के कारण ( ashaant man ke karan )

ashant man
मन शांत क्यों नहीं रहता है 


असंतुष्टि और असफलता के भाव के करना मन अशांत हो जाता है, आजकल के भागदौड़ की जिंदगी में मन को शांत रखना बहुत मुश्किल होता है। अधिकतर व्यक्ति आज मटेरियलिस्टिक जीवन जीते है। एक व्यक्ति को अन्य व्यक्ति से ज्यादा मतलब नहीं रहता है। न व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति भावनाओं को समझने की कोशिश करता है। बस व्यक्ति को अपनी भावनाओं से मतलब रहता है। वह अपना जीवन अच्छा चाहता है। बाकी किसी से ज्यादा मतलब नहीं रहता है, आज के आधुनिक दुनिया में सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा उपयोग करते है, लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से बहुत ज्यादा कनेक्ट होते है, रिश्तो में सम्मान की कमी होती है। रिश्तो में संबंध हो ना हो, पर व्यक्ति वास्तविक से हटकर अपने सपनों की दुनिया में अधिकतर रहते हैं, व्यक्ति खुद ही सवाल मन में बनता है और खुद ही उलझ जाता है। अर्थात आवश्यकत से अधिक सोचता है, और जिसे जीवन में संतुष्टि की कमी हो जाती है। जिसे बार बार मन अशांत होते रहता है।

 

आज की दुनिया में किसी भी व्यक्ति से पूछो कि आपके पास समय है क्या, तो अधिकतर लोगों को आपने देखा होगा, कहते सुना होगा, कि मेरे पास समय नहीं है। समय तो किसी के पास नहीं होता है, पर अपने परिजन अपने लोगों के लिए समय निकालना पड़ता है, जब आप समय निकालकर अपने परिजन, अपने परिवार, अपने दोस्तों से मिलते हैं, वास्तविक रूप में आप उनसे मुलाकात करते हैं, तो आप अपने सुख-दुख को बांट पाते हैं, जिससे आपका मन हल्का लगने लगता है। पर आप अपने परिवार अपने परिजन अपने दोस्तों से नहीं मिलेंगे। तो आप अपने मन की बात किसको कहेंगे ऐसे में आप कुण्ठित होते जाते हैं। क्योंकि आपके अंदर निराशा की भाव, नकारात्मक भाव पैदा होने लगता है। जिससे मन और अशांत हो जाता है।

 

जब व्यक्ति का अच्छा समय चलते रहता है, वह अपने रिश्ते को अहमियत नहीं देता है।  क्योंकि उसको सिर्फ सफलता और अधिक से अधिक अपने समाज में अपने सम्मान को बनाना, आर्थिक संपन्नता को स्थापित करने को, अधिक महत्व देता है।  जिससे उसके रिश्ते धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं, उस व्यक्ति को उस समय समझ नहीं आता है। पर वही व्यक्ति जब मुसीबत में होता है, तब वह ऐसे व्यक्ति की तलाश करता है। जो उसको समझ सके, ऐसी स्थिति में उसको कोई व्यक्ति अंततः नहीं मिलता है। जो उसकी भावनाओं को समझ सके, जैसे आपने इस जगत को दिया है वैसे ही तो आपको फल मिलेगा। जिसे व्यक्ति अंत में मानसिक रूप से दुखी हो जाता है।

 

जीवन में नकारत्मक, निराशावादी रैवया को अपना, जीवन में आलस्यता, नकारत्मक कार्य, गलत संगती, ज्ञान का आभाव, असफल, नकारत्मक जीवनचर्या जैसे कारणों के कारण मन में नकारत्मक भाव उत्पन्न होता है। जिसका नकारत्मक प्रभाव मन को पड़ता है। जिसे मन असंतुष्ट हो जाता है।

जब व्यक्ति अपने निर्धारित लक्ष्य में सफलता प्राप्त नहीं करता है, जब व्यक्ति का कोई कार्य समय पर संपन्न नहीं हो पाता है, जब व्यक्ति अपनी योजना में सफल नहीं हो पाता है , जब व्यक्ति के अंदर सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है, जब व्यक्ति के पास सकारात्मक वातावरण का अभाव होता है , लोगो से सहयोग नहीं मिलता है। तो व्यक्ति बड़ा निराश हो जाता है। जिससे उसका मन बहुत कुंठित और अशांत होने लगता है।

 

मन को शांत कैसे करे ( man ko shant kaise kare )

 

1. व्यक्ति अपने मन को शांत और अशांत करने के पीछे खुद ही जिम्मेदार होता है। बस आप अपने सोचने का नजरिया बदलो। दुरो की भावनाओं का सम्मान करो आपके मन में सकारत्मक ऊर्जा का उत्भव होना शुरू हो जायेगा।

2. अपने  जीवन को सयंमशीलता बनाये, जिसे आपके इन्द्रियों में कण्ट्रोल रहेगा।

क्रोध, उत्तेजन से दूर रहे बल्कि कोई निर्णय लेते समय सोच समझ के निर्णय ले।

3. अपनी सकारत्मक ऊर्जा को संचित करें।

4. ज्यादा सोचने के बजाय काम में अधिक ध्यान दे।

5. नकारत्मक लोगो और निराशावादी से दूर रहे।

6. अपने जीवन के मूल्यों को समझे और दुसरो से भी प्यार करें उनको सम्मान दे।

अपने जीवन में कोई न कोई सकारत्मक लक्ष्य जरूर बनाये, उस लक्ष्य में फोकस होकर करें। 

7. अपनी आदतों में सकारत्मक परिवर्तन करे जैसे मेडिटेशन, अच्छी पुस्तक पड़ना, लोगों से बात करना, योग व्याम इत्यादि जैसे अच्छे गुणों का विकास करे।

8. अपने जीवन में अपने समय का सदुपयोग करे। 

10. अपने क्षमता को बढ़ते रहे, जिसे आपका मन सकारत्मक दिशा में गमन करेगा।

11. अपने जीवन का मूल्यांकन जरूर करे। ताकि आप अपनी कमियों को दूर कर सके।

 

 

शांत मन के फायदे ( shant man ke fayde )

 

जब मनुष्य का मन शांत होता है तो मनुष्य को आध्यात्मिक और भौतिक बहुत से लाभ एक साथ देखने को अपने जीवन में मिलता है। जैसे-जैसे मनुष्य का मन शांत होगा।  उसकी स्थिति में लगातार सुधार होते जाएगा। 

1. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो मनुष्य अपने बारे में सोच पाता है। वह कहां पर गलत है और कहां पर सही है, जब इसके बारे में वह सोचता है, तो वह अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश करता है जिसमें वह सफल हो जाता है

2. जब मनुष्य का मन शांत होता है, वह कोई भी निर्णय को बड़ी आसानी से सही तरीके से ले पता है।

3. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो वह कोई भी योजना को सफलतापूर्वक नियोजित कर लेता है।

4. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त कर पाता है

5. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो आपने रिश्तो को बेहतर बनाने की कोशिश करता है जिसमें वह सफल हो जाता है

6. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो उसकी बुद्धि का चहुमुखी विकास होने लगता है जिसके कारण उसके अंदर अद्भुत प्रतिभा देखने को मिलती है

7. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो वह किसी भी कार्य में आसानी से सफलता को प्राप्त कर लेता है

8. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो मनुष्य अपने जीवन में शिखर तक को प्राप्त करता है

9. जब मनुष्य का मन शांत होता है, तो अपने कार्य में फोकस होकर कार्य को संपन्न कर देता है शांत मन मनुष्य के जीवन में अद्भुत सकारात्मक परिणाम देते हैं आप भी अपने मन को शांत करने की कोशिश कीजिए आपको अपने जीवन में अतभुत सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।

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