power of thoughts in hindi |
विचार
की शक्ति ( power of thought )
मनुष्य
के मन में उठाने वाला विचार ही जीवन को दिशा देता है। आप अपने मन में जैसा विचार करते
हो वैसे ही आप धीरे-धीरे व्यवहार करने लगते हो। और यही गुण आपका वास्तविक व्यवहार बना
जाता है। जिसके कारण आपका जीवन भी वैसे हो जाता है। इसी कारण महापुरषों ने हमेशा सकारत्मक
विचारों को अधिक महत्व दिया है। क्योकि महापुरषों
को महान बनाना था। जैसे उदारहण के तौर पर स्वामी विवेकानद, परमहंस, गौतम बुद्ध, पंडित
श्रीराम चंद्र आचार्य, महावीर, मर्यादा पुरुषोतम राम, महारथी अर्जुन, कर्ण, भीष्म पीतम,
डॉ अब्दुल कलम, रामानुजन इत्यादि।
मनुष्य
को पशु बनने से विचार ही रोकता है।और विचार ही मानव से मनुष्य बनता है। विचार के कारण
ही साधारण मनुष्य से महामानव बन जाता है, लेकिन मनुष्य के अंदर विचार ही न हो तो पशु
और मनुष्य में कोई भेद नहीं किया जा सकता है। क्योकि दोनों का व्यवहार एक जैसे होगा।
मनुष्य अपने विचार से ही सफलता, असफला, खुशी, दुःख, प्रेम, साहस, हिम्मत, आनंद जैसे
गुणों का अनुभव करता है। मनुष्य अपने विचार से अच्छे और बुर सबंध को बनता है और निभाता
है।
वैज्ञानिक
परिदिश्य से देखा जाये तो मनुष्य के मन ( चेतन, अवचेतन, अतिचेतन ) में उपस्थित न्यूरॉन्स
के कारण उठाने वाला तरंग ही विचार के रूप में परणित होता है। जिसके कारण हम सब अपने
नित्य कर्म को कर पाते है। इन विचारो के कारण बुद्धि को दिशा और गति मिलता है।
विचार
दो तरह के हो सकते है सकारत्मक विचार और नकारत्मक विचार , वैसे तो दिमाग में एक दिन
में 60000 से भी अधिक तरंग उठाते है, लेकिन हम सब सभी तरंगो को समझ नहीं पाते है। लेकिन अच्छे विचार के कुछ प्रतिशत को भी हम सब समझ
पाए तो बहुत कुछ जीवन में नया परिवर्तन हो सकता है।
सकारत्मक
विचार हमेशा लाभ दायक होता है। जैसे उदारहण के तौर पर देखे तो, अगर आप अपने पिछले जीवन
के दुःख की घटना को याद करते हो तो आपको हमेशा वर्तमान जीवन में दुख का अनुभव होगा।
लेकिन वही आप अपने अच्छे समय को याद करेंगे, अपने जीत को याद करेंगे तो हमेशा सकारत्मक
महसूस करेंगे। और आपको अच्छा काम करने क प्रेरणा मिलेगा। जीवन का यही वास्तविकता है।
चाहे
आप आज और अभी किसी भी परिस्थिति में हो, हिम्मत टूट चूका हो, लोगों का आप के प्रति
नकारत्मक रवैया क्यों न हो , लेकिन आप अपने बारे में सकारत्मक सोचते हो, अपने मन के
अंदर सकारत्मक रैवया अपनते हो तो आपको आतंरिक रूप से हमेशा सकारत्मक देखने को मिलेगा।
क्योकि आप सकारत्मक रहने और सकारत्मक जीवन जीना पसंद करते है।
जैसे
आप अपने मन के विचारों को खाना खिलाएंगे अर्थात आप जैसा सोचेंगे उसी के अनरूप ही आपको
फल मिलेगा, इसलिए हमेशा सकारत्मक सोच के काम
करे और अपने जीवन को बेहतर बनाये।
धन्यवाद्...
इस ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है, इस ब्लॉग में सकारत्मक प्रेरणा,अध्यात्म,वास्तु, सपनों के बारे में विस्तार से जानकारी दिया जाता है। अगर आपको अपने सपने का मतलब नहीं मिलता है। तो आप यहाँ सपनों से संबंधित कमेंट कर सकते है। अपना सवाल पूछ सकते है। आपके प्रश्नों का उत्तर देने का मैं जरूर कोशिश करुगा। कोई गलत कमेंट न करे आप सभी से प्राथर्ना है। अच्छा वातावरण हमेशा सकारत्मक सोच को उतपन्न करता है। और इसे खुशी मिलती है। तभी व्यक्ति का उन्नति होता है, और व्यक्तित्व बढ़ाता है। अपनी राय जरूर शेयर करे। धन्यवाद्। ... ConversionConversion EmoticonEmoticon